अलसी (अलसी का बीज) का कई à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ घरों में रोजाना इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जाता है। हालांकि, आज à¤à¥€ अधिकतर लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं। दरअसल, अलसी à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के छोटे-छोटे बीजों को कहा जाता है, जो कई सारे पोषà¥à¤Ÿà¤¿à¤• ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र होती है और इसके इन असीम फायदों का आप à¤à¥€ अंदाजा नहीं लगा सकते हैं। कई लोग तो यह à¤à¥€ नहीं जानते हैं कि जिन अलसी के बीजों का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² वो खादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में करते हैं, वो कई तरह की बीमारियों को दूर रखने में कारगर होते हैं। कोई बात नहीं, हम हैं ना आपको इससे अवगत कराने के लिà¤à¥¤ आज हम आपको अपने इस लेख में अलसी के बीज (अलसी के गà¥à¤£) के फायदों और नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ के बारे में बताने वाले हैं।
लेख के अगले à¤à¤¾à¤— में अब हम आपको बताà¤à¤‚गे कि किन लोगों को अलसी नहीं खानी चाहिà¤à¥¤
अलसी न सिरà¥à¤« आपकी सेहत के लिठफायदेमंद है, बलà¥à¤•à¤¿ अलसी का उपयोग करने से आपके बाल सेहतमंद हो जाते हैं। अलसी से बना हेयर जेल बालों के लिठबहà¥à¤¤ फायदेमंद रहता है।
अगर ठंडे पानी में अलसी के बीज à¤à¤¿à¤—ो रहे हैं, तो दो से तीन घंटे के लिठà¤à¤¿à¤—ोà¤à¤‚।
कà¥à¤¯à¤¾ आप जानते हैं कि अलसी का सेवन तà¥à¤µà¤šà¤¾ पर बà¥à¤¤à¥€ उमà¥à¤° के असर को कम करता है। अलसी का सेवन à¤à¥‹à¤œà¤¨ के पहले या à¤à¥‹à¤œà¤¨ के साथ करने से पेट à¤à¤°à¤¨à¥‡ का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होकर à¤à¥‚ख कम लगती है। इसके रेशे पाचन को सà¥à¤—म बनाते हैं, इस कारण वजन नियंतà¥à¤°à¤£ करने में अलसी सहायक है। चयापचय की दर को बà¥à¤¾à¤¤à¤¾ है à¤à¤µà¤‚ यकृत को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रखता है। पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• रेचक गà¥à¤£ होने से पेट साफ रख कबà¥à¤œ से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ दिलाता है।
इसके अलावा यदि आपमें सà¥à¤ªà¤°à¥à¤® या शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤£à¥ की कमी है, तो इसमें à¤à¥€ अलसी read more बहà¥à¤¤ फायदेमंद है। शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤£à¥ की संखà¥à¤¯à¤¾ बढाने में और इसे शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ बनाने में अलसी का तेल चमतà¥à¤•à¤¾à¤° की तरह काम करता है।
अलसी में à¤à¤‚टीआरà¥à¤¥à¤°à¤¾à¤‡à¤Ÿà¤¿à¤• (आरà¥à¤¥à¤°à¤¾à¤‡à¤Ÿà¤¿à¤¸ को कम करने वाला) पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ मौजूद होता है.
विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤‚ठसंसà¥à¤•à¤¾à¤° के लिठमà¥à¤¹à¥à¤°à¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¤ करते समय सबसे पहले नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° का विचार किया जाता है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हसà¥à¤¤, अशà¥à¤µà¤¿à¤¨à¥€, पà¥à¤·à¥à¤¯ और अà¤à¤¿à¤œà¥€à¤¤, पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¸à¥, सà¥à¤µà¤¾à¤¤à¤¿, शà¥à¤°à¤µà¤£, रेवती, चितà¥à¤°à¤¾, अनà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¾ और जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ ा नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° को विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤‚ठसंसà¥à¤•à¤¾à¤° के लिठबहà¥à¤¤ ही अचà¥à¤›à¤¾ माना गया है। वसंत पंचमी : यह ऋतॠहै वसंत की, जब महके हवाà¤à¤‚ पà¥à¤°à¥€à¤¤ की
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कà¥à¤¯à¤¾ अलसी पेट की चरà¥à¤¬à¥€ को कम करने में मदद कर सकती है?
अलसी का सेवन करने से कई तरह की बीमारियों से छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ मिल जाता है।
हजारों गà¥à¤£ वाली अलसी आंखों के लिठà¤à¥€ फायदेमंद होती है। जिन लोगों को आंखों में सूखेपन की शिकायत होती है, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अलसी के तेल का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— खाने में करना चाहिà¤à¥¤ इससे आंखों को काफी फायदा पहà¥à¤‚चता है।
Dressing the flax is the whole process of eradicating the straw within the fibers. Dressing is made up of three measures: breaking, scutching, and heckling.
हर समसà¥à¤¯à¤¾ में फà¥à¤²à¥ˆà¤•à¥à¤¸ सीडà¥à¤¸ को खाने का तरीका अलग होता है। अगर आप इसका सेवन करने जा रहे हैं तो इसके तरीकों पर à¤à¥€ गौर करें।
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